Monday 27 February 2017

SATYA BODH


मन ही द्वैत है 
दृष्टि ही मन है 
मन से ही सुख , दुःख , सफलता , निष्फलता अनुभूत होते है 
इस सत्य से तुम अपने स्वरुप का अनुभव करो 

DIVINEWE

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